उज्जैन। वार्षिक सर्वेक्षण स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत संपूर्ण भारतवर्ष में हो चुकी है। लेकिन उज्जैन निगम प्रशासन की कोई तैयारी नहीं होने के कारण स्वच्छ भारत मिशन में इस बार उज्जैन फिसड्डी होगा।
नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि अगले कुछ दिवस में सर्वेक्षण टीम भी जो शहर के विभिन्न स्थानों पर ट्रैकिंग कर स्थान पर जाकर के मार्किंग करती है कुछ ही दिनों में टीमें आने वाली है परंतु इस वर्ष नगर निगम प्रशासन की निष्क्रियता के चलते कोई भी तैयारी चालू नहीं की गई। जिस प्रकार की सड़कों की विशेष साफ-सफाई, नालों नालियों की सफाई, गार्डन की सफाई, गंदे पानी के स्रोतों को हटाने का कार्य, गार्डन की गाजर घास, बैंकलेन गलियां और उनके रंगाई पुताई आदि के कार्य किए जाते हैं इसी के साथ शहर के समस्त मुत्रालय, शौचालय की व्यवस्था उनकी रिपेयरिंग पर्याप्त मात्रा में पानी प्रकाश की व्यवस्था की जाती है इसी के साथ ऐसे गंदे नालों नालियों को ढकने का काम, खुले हुए गार्डन, खुले हुए खेल मैदान एवं कॉलोनी में खाली पड़े भूखंडों आदि की सफाई व्यवस्था भी की परंतु इस बार स्वच्छ भारत मिशन को लेकर के नगर निगम आयुक्त, महापौर, स्वास्थ्य प्रभारी, स्वास्थ्य अधिकारियों को कोई भी चिंतित नहीं है। नगर निगम में वर्तमान पार्षदों को उम्मीद रहती है कि स्वच्छ भारत मिशन में उनके वार्डो के कुछ कार्य संपन्न हो जाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि वर्षों बाद ऐसा देखने में आ रहा है कि नगर निगम का अमला कोई ध्यान नहीं दे रहा है। रवि राय ने संभाग आयुक्त, कलेक्टर से आग्रह किया कि उज्जैन नगर की प्रतिष्ठा बने पुनः उसे कोई स्थान प्राप्त हो ऐसे निर्देश आयुक्त नगर निगम को दे। अभी ऐसा लग रहा है क्या अभी आयुक्त निगम नगर निगम उज्जैन की कोई भी जवाबदारी नहीं संभाल पा रहे हैं। पक्ष विपक्ष के सारे पार्षद गण उनकी कार्यशैली से असंतुष्ट है ऐसी स्थिति में नगर के नागरिकों को मूलभूत सुविधा प्राप्त नहीं हो पा रही है और इसी के साथ जन प्रतिनिधियों के विरुद्ध भी वार्डों में आक्रोश बढ़ रहा है। कांग्रेस पार्षद एवं शहर कांग्रेस कमेटी उज्जैन ज्ञापन और धरने दे चुकी है परंतु किसी भी अधिकारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। मुख्यमंत्री के शहर की ऐसी दुर्गति करने वाले अधिकारियों के बारे में शासन स्तर पर तुरंत विचार होना चाहिए।