उज्जैन। गुरूवार सुबह श्री महाकालेश्वर मंदिर के नंदीगृह में दर्शन करने पहुंचे कलेक्टर नीरजसिंह ने यहां अनाधिकृत रूप से दर्शन करवाने का मामला पकडा है। मामले में महाकाल थाना पुलिस ने धोखाधडी के दो अलग-अलग प्रकरण तीन पंडितों पर दर्ज किए गए हैं। पंडितों ने भगवान का जलाभिषेक करवाने के नाम पर उत्तरप्रदेश एवं गुजरात के श्रद्धालुओं से प्रति व्यक्ति एक हजार एक सौ रूपए की वसूली की थी।
मामले का खुलासा कलेक्टर के नंदीगृह में पहुंचने पर वहां उन्हें अनाधिकृत लोग दर्शन करते मिले जानकारी लेने पर दर्शन करने वालों ने बताया कि उन्होंने पंडितों को प्रति व्यक्ति एक हजार एक सौ रूपए दर्शन और जलाभिषेक के नाम पर दिए हैं। सीएसपी ओपी मिश्रा के अनुसार मामले की तत्काल तफ्तीश करवाई गई और दोपहर में मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के आवेदन पर पुलिस ने उत्तरप्रदेश के बस्ती जिला के रहने वाले नितेश कुमार,मनोज कुमार,संजू कुमार सहित 6 परिवार के लोगों से जलाभिषेक के नाम पर 6 हजार 6 सौ रूपए लेने के मामले में पुजारी सहायक पप्पू गुरू उर्फ अजय पिता गिरीराज शर्मा निवासी सिंहपुरी के खिलाफ धोखाधडी का प्रकरण दर्ज किया गया है। श्री मिश्रा ने बताया कि दूसरा प्रकरण गुजरात के श्रद्धालु योगेश पिता शिवाभाई,उनकी पत्नी जीनलबेन सहित एक अन्य से जलाभिषेक के नाम पर पुरोहित प्रतिनिधि राजेश पिता शंकरलाल भट्ट निवासी कार्तिक चौक एवं कुणाल पिता प्रेमनारायण शर्मा निवासी भैरूगढ को धोखाधडी का आरोपी बनाया गया है। इन श्रद्धालुओं को आरोपित प्रति व्यक्ति एक हजार एक सौ रूपए लेकर उत्तरप्रदेश और गुजरात के श्रद्धालुओं को नंदी हॉल में प्रवेश दिलाया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए उनकी तलाश शुरू कर दी है। प्रकरण दर्ज होने के पूर्व मौके पर आए एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार ने जांच करते हुए पंचनामा बनाया और संबंधित श्रद्धालुओं के बयान भी लिए गए । मंदिर के नंदीगृह में प्रोटोकॉल की 250 की रसीद प्राप्त व्यक्ति को ही प्रवेश दिया जाता है।
पुरोहित,प्रतिनिधि सहित 6 निलंबित-
श्री महाकालेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करवाने के नाम पर 1100रूपए प्रति श्रद्धालु लेने के मामले में प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड ने पुरोहित अजय शर्मा ,पुरोहित प्रतिनिधि राजेश भट्ट,सुरक्षाकर्मी विकास,संदीप,करण,कन्हैया को आगामी आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। इसके साथ ही पुरोहित प्रतिनिधि के सेवक कुणाल शर्मा को मंदिर के विशेष मार्ग से प्रवेश पर प्रतिबंधित किया गया है। कुणाल शर्मा सामान्य श्रद्धालुओं की भांति मंदिर में प्रवेश कर दर्शन कर सकेंगे।
महाकाल मंदिर में संबंधितों की कारगुजारी से स्वयं ईश्वर भी सोचता होगा कि मानव किस स्तर पर पहुंच गया। उत्तर भारत के मंदिरों और दक्षिण के मंदिरों की व्यवस्था में कितना फर्क हैं। महाकाल मंदिर का व्यावसायीकरण हो गया हैं। लोगोंने भगवान को भी बेचना शुरू कर दिया।