वर्तमान समय में माता जीजाबाई के संस्कारों की प्रासंगिकता है

उज्जैन। जिजाऊ ब्रिगेड, उज्जैन द्वारा सेवा भारती बालिका छात्रावास की छात्राओं के साथ राष्ट्र माता जिजाऊ एवं विवेकानंद जन्मोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यिक डॉ. पुष्पा चौरसिया ने अपने उद्बोधन कहा कि राजमाता जिजाऊ ने प्रतिकूल परिस्थिति से लड़कर स्वराज निर्माता शिवछत्रपति को तैयार किया। जिजामाता शिवाजी की आद्य गुरु एवं आदर्श माता थी। आज की बालिकाओं में भी धैर्य, आत्मविश्वास, राष्ट्रप्रेम की भावनाओं का संचार निरंतर होना चाहिए।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. संगीता पातकर ने राजमाता जिजाऊ एवं उनके संपूर्ण जीवन पर प्रकाश डालकर कहा कि स्वराज्य संस्थापन का सपना माँ ने देखा और शिवाजी ने उसे यथार्थ में साकार किया। सामाजिक, राजनीतिक संघर्ष के लिए रणनीति/युद्धनीति का मार्गदर्शन देने वाली मातृशक्ति के रूप में जिजाऊ को आज भी याद किया जाता है।
जिजाऊ ब्रिगेड की अध्यक्ष डॉ. नेत्रा रावणकर ने कहा कि माँ के समान कोई जीवन दाता, मार्गदर्शक नहीं होता। आज की बालिका सद्गुंण एवं संस्कारों से परिपूर्ण होकर निष्ठा के साथ परिवार तथा राष्ट्रोत्थान में सहायक हो सकती है। विवेकानंद जयंती भी केवल उत्सव मनाने का दिन नहीं है, यह दिन युवाओं में प्रेरणा और शक्ति भरता है। इसलिए सभी अपना लक्ष्य चुने और उसको प्राप्त करने के लिए अनवरत प्रयास करें। कार्यक्रम का सफल संचालन अनिता पंवार ने किया। आभार प्रदर्शन रोशनी पाटील द्वारा किया गया। छात्राओं ने जिजाऊ एवं विवेकानंद के संबंधी सुविचारों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में सुनीता पाटील, प्रीति तेलंग, निशा देशमुख, डॉ. संजय नागर, सुमन नागर, अनुजा सोनी एवं छात्रावास की समस्त बालिकाएँ उपस्थित थी।

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