रेलवे मुख्यालय व डिविजन द्वारा उज्जैन की उपेक्षा पर प्रधानमंत्री को पत्र

उज्जैन। सिंहस्थ -2028 के मद्देनजर उज्जैन शहर और स्टेशन के विकास को लेकर पश्चिमी रेल्वे, मुंबई मुख्यालय और रतलाम रेल मंडल के उपेक्षित रवैये पर सरल काव्यांजलि के अध्यक्ष डॉ. संजय नागर ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। उल्लेखनीय है कि उज्जैन स्टेशन के नए अत्याधुनिक भवन का मामला हो (जिसकी अब तक डिजाइन ही नहीं बन पाई है), जयसिंहपुरा रेल्वे अंडर पास का, रेल्वे के एक वर्ष से धीमी गति से निर्माणाधीन जोनल ट्रेनिंग सेंटर का, फ्रीगंज के नए प्रस्तावित ओवरब्रिज और बहु प्रतीक्षित रोप -वे निर्माण हेतु रेल्वे की लगभग खाली पड़ी जमीन देने का, उक्त सभी कार्यों को रेल्वे बहुत धीरे-धीरे या अड़ंगा लगाकर कर रहा है, जिससे राज्य/ केंद्र सरकार द्वारा घोषित उज्जैन विकास और सिंहस्थ मेला कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
पत्र में रेल्वे द्वारा उज्जैन का चालक -गार्ड मुख्यालय समाप्ति का प्रयास कर स्टाफ़ को इंदौर ले जाकर करोड़ों के खर्च से नया मुख्यालय बनाने, केरीज स्टाफ़ और डीज़ल शेड स्टाफ को इंदौर /रतलाम स्थानांतरित करने, उज्जैन स्टेशन के अधिकांश प्लेटफॉर्म पर शौचालय -मूत्रालय का अभाव और गंदगी होने, उज्जैन में प्रचुर मात्रा में वर्षों से खाली पड़ी रेल्वे की कीमती भूमि का कोई उपयोग न करने, सात-आठ नंबर प्लेटफॉर्म को अब तक प्रारम्भ न करने, उज्जैन-इंदौर मेमू ट्रेन का समय न बदल कर और इसके फेरे न बढ़ाने तथा इंदौर से चलकर तीर्थस्थलों रामेश्वरम, अमृतसर जाने वाली ट्रेनों को उज्जैन से होकर न चलाने जैसे तथ्यों पर भी ध्यानाकर्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है। पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी भेजी गई है। जानकारी सरल काव्यांजलि के मानसिंह शरद ने दी।

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